जानिए विटामिन B2 (राइबोफ्लेविन) के फायदे, कार्य, कमी के लक्षण, स्रोत और आवश्यकता | Know the benefits, functions, deficiency symptoms, sources and requirements of Vitamin B2 (Riboflavin)

Vitamin B2
Vitamin B2

विटामिन B2 क्या है?

B समृह विटामिनों का दूसरा सदस्य पीले-नारंगी रंग का विटामिनB2 होता है। इसी के सेवन से लेने वाले व्यक्ति के मूत्र का रंग पीला हो जाता है। विटामिन B1 (थायमिन) की तुलना में जल में इसकी कम घुलनशीलता और ऊष्मा के संपर्क में भी स्थायी होने के कारण इस विटामिन की खाना पकाने तथा भोजन की प्रोसेसिंग के दौरन हानि कम ही होती है किंतु प्रकाश के संपर्क से आने से इसकी हानि हो सकती है।

विटामिन B2 कार्य क्या हैं ?

विटामिन B2 विभिन्‍न हॉर्मोनों और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में आवश्यक होता है। शरीर में कार्बेहाइडेट, प्रोटीन व फैट के उपयोग व इनके पाचन में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह त्वचा, नाखून व बालों की बनावट भी सुधारता है। राइबोफ्लेविन का पर्याप्त सेवन शारीरिक शक्ति प्रदान करता है व उम्र के अनुरूप युवा रहने में मदद करता है। आँखों के स्वास्थ्य के लिए भी विटामिन B2 जरूरी है। 

यह भी पढ़ें – विटामिन B1 (थायमिन) के फायदे

विटामिन बी2 के फायदे

वैसे तो सभी विटामिन्स शरीर के लिए जरुरी है। विटामिन B2 की आवश्यक मात्रा भोजन के माध्यम से या पूरक आहार के माध्यम से शरीर में पहुंचने के बाद कई फायदे नज़र आते हैं। आइये विटामिन B2 से होने वाले कुछ आवश्यक फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं :-

विटामिन B2​ सिर दर्द और माइग्रेन को दूर करने में सहायक होता है

विटामिन B2 सिर में तेज दर्द को कम करने के लिए जाना जाता है।सिर दर्द और रोजाना माइग्रेन होने पर डॉक्टर मरीज को अधिक मात्रा में विटामिन बी 2 देते हैं। इससे बार-बार माइग्रेन होना भी रुक जाता है। इतना ही नहीं यह माइग्रेन के लक्षण और दर्द को कम करने के साथ ही दर्द की अवधि को भी कम कर देता है। लेकिन विटामिन B2 को अगर आप एलोपैथिक दवा के बजाय प्राकृतिक स्त्रोत से ले तो इसके संभावित लाभ ज्यादा होंगे।

विटामिन B2​ आँखों को स्वस्थ रखने में सहायक

अध्ययन से इस बात का पता चला है कि विटामिन B2 की कमी से आंखों में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना बढ़ जाती है। विटामिन B2 आंखों से संबंधित कई तरह के विकारों को दूर करने का काम करता है। ​ विटामिन B2 मोतियाबिंद, काला मोतियाबिंद (ग्लूकोमा) और किराटोकोनस (Keratoconus/ विटामिन B2 लेने से आखों के विकारों की समस्या का जोखिम कम होता है। (यह भी पढ़ें – जानिए आँखों के लिए बीटा-कैरोटीन, ल्यूटीन व जियाजेन्थिन क्यों जरुरी है? )

विटामिन B2​ एनीमिया के रोकथाम में सहायक

शरीर में होने वाले लाल रक्त कोशिकाओं की कमी, खून की कमी, रक्त में ऑक्सीजन प्रवाह में समस्या आदि जैसे कई कारणों से एनीमिया होने की सम्भावना हो सकती है। विटामिन B2 लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने, रक्त में ऑक्सीजन के प्रवाह और खून की कमी को दूर करने के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ ही एनीमिया से बचाव और इलाज में विटामिन B2 मात्रा न होने से आपको विटामिन B2 की कमी हो सकती है और इससे ही आपको एनीमिया व उससे जुड़े अन्य रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
रिसर्च से पता चला है कि विटामिन बी 2 पूरक आहार (सप्लीमेंट) लेने से एनीमिया में मदद मिलती है।

विटामिन बी 2 के गुण शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने में मदद करते हैं

शरीर का मेटाबॉलिज़्म बनाये रखने में विटामिन B2 का महत्वपूर्ण योगदान होता है। मेटाबॉलिज्म ठीक न होने पर मस्तिष्क, तंत्रिकाओं, पाचन तंत्र और हार्मोन के कार्यों में बाधा आ सकती है। और अगर ये सभी तंत्र सुचारु रूप से कार्य नहीं करेंगे तो स्वतः ही शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है। इसलिए शारीरिक विकास के लिए विटामिन B2 बहुत ही जरूरी है।

विटामिन B2 थायराइड और ऐड्रनल ग्रंथि को उनका काम ठीक से करने में भी मदद करता है। इसकी कमी से थायराइड रोग की संभावना बढ़ जाती है।इसके अलावा विटामिन B2 तंत्रिका तंत्र और हार्मोन्स को नियंत्रित करता है। इससे आपकी भूख, ऊर्जा, मूड, शारीरिक तापमान आदि भी नियंत्रण में आ जाते हैं।

कैंसर से बचाव में विटामिन B2 का योगदान

वि विटामिन B2 एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है। ये एंटीऑक्सीडेंट शरीर में से मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) को खत्म करते हैं, जिससे लिवर को साफ करने में मदद मिलती है। फ्री रेडिकल्स शरीर को नुकसान पहुंचा कर कई बीमारियों का कारण बनते हैं। विटामिन B2 पाचन तंत्र के भीतर एक स्वस्थ परत को बनाकर इन बीमारियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वस्थ पाचन तंत्र आपके आहार से पोषक तत्वों को अवशोषित करने और उपयोग करने का कार्य करता है।

इसके अलावा कुछ नयी रिसर्च से ऐसे संकेत मिले हैं कि यह एंटीऑक्सीडेंट कैंसर से बचाव में भी मदद करते हैं। वर्तमान में जो प्रमाण मिले हैं, उनके अनुसार कोलन कैंसर, गले के कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, और प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले हैं। हालांकि, इसकी पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए अभी और रिसर्च की आवश्यकता है।

विटामिन बी 2 के लाभ बालों और त्वचा के लिए

विटामिन बी 2 “कोलेजन” (Collagen) के स्तर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। कोलेजन त्वचा और बालों में पाया जाने वाला एक प्राकृतिक तत्व है जो उन्हें स्वस्थ रखता है। इससे आपकी त्वचा जवान बनी रहती है और झुर्रियां भी नहीं आती है। इसलिए विटामिन बी 2 की कमी होने पर उम्र बढ़ने के लक्षण जल्दी दिखने लगने लगते हैं।

रिसर्च से ये भी पता चला है कि राइबोफ्लेविन से चोट और घाव जल्द ठीक हो जाते हैं। इसके साथ ही इससे त्वचा में जलन, होठों का फटना और बुढ़ापे के संकेतो को प्राकृतिक रूप से कम करने में मदद मिलती है।

विटामिन B2 के कमी के लक्षण 

विटामिन बी2 की अपर्याप्त मात्रा से कार्बेडाइड्रेट, प्रोटीन व फैट के मेटाबॉलिज़्म में बाधा, जीभ में दर्द व जलन, बेजान या तैलीय बाल, तैलीय त्वचा, होंठ और मुंह के कोनों का फटना, चेहरे पर असमय झुरियां पड़ना और नाखूनों का टूटना, आदि समस्याएं हो सकती हैं 1 विटामिन बी2 की कमी के कारण आँखों में खुजली, संक्रमण, जलन, लालपन, दृष्टि में धुंधलापन और मोतियाबिंद जैसे रोग हो सकते है। 

विटामिन B2 की अधिकता

विटामिन बी 2 अधिकता से लीवर को नुकसान पहुंच सकता है। लेकिन विटामिन बी 2 की अधिकता के मामले बहुत की कम देखने में आये हैं।आहार के माध्यम से ज्यादा विटामिन बी 2 शरीर में जाने के लिए इतना विटामिन बी 2 युक्त खाना खाने की जरूरत होती है कि यह शायद की किसी के लिए मुमकिन हो। इसके अलावा आप दवा या इंजेक्शन रूप में भी विटामिन बी 2 की अधिक मात्रा ले सकते हैं, लेकिन इससे भी आपको कोई हानि नहीं होती है, क्योंकि शरीर को विटामिन बी 2 की जितनी आवश्यकता होती है, उतनी मात्रा का ही उपयोग करता है, बाकि मात्रा शरीर में संरक्षित नहीं हो पाती है।

विटामिन B2 के स्रोत 

दूध, पनीर, पत्तेदार सब्जियां, फलियां, मशरूम, बादाम, अखरोट, पिस्ता, किशमिश, पपीता और सीताफल विटामिन बी2 के अपेक्षाकृत अच्छे स्रोत हैं। सूखे खमीर (यीस्ट) में राइबोफ्लेविन हु अधिक होता है। चावल और गेहूं जैसे साबुत अनाज की बाहरी परत में यह पर्याप्त मात्रा में होता है लेकिन चावल और गेहूं की पिसाई और प्रोसेसिंग से इसका अधिकतम क्षय हो जाता है। 

WHO के अनुसार विटामिन B2 की आवश्यकता –

(WHO रेकमेंडेड) – पुरुषों के लिए 1.3 मिलीग्राम प्रतिदिन और महिलाओं के लिए 1.1 मिलीग्राम प्रतिदिन है। 

विटामिन B2 के लिए विशेषज्ञों की सलाह

  • लगातार विटामिन बी 2 लेने से मूत्र का रंग गहरा पीला सकता है।
  • गर्भवती या स्तनपान करा रही महिलाओं को तो इस दवा को लेने से पहले अपने चिकित्सक से राय लें।
  • यदि आपको किसी एलर्जी की प्रतिक्रिया के इन संकेतों में से कोई एक का भी अनुभव हो तो आपातकालीन चिकित्सीय सहायता प्राप्त करें: खराश; सांस लेने में कठिनाई; आपके चेहरे, ओठों, जीभ या गले में सूजन।

निष्कर्ष

हमने देखा कि विटामिन B2 शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है। इसकी कमी से क्या क्या परेशानियां आ सकती हैं। और कुछ प्राकृतिक स्त्रोत भी हैं जिनके माध्यम से हम इनकी कमी को पूरा कर सकते हैं। इसी कड़ी को पूरा करते हुए हम अगले पोस्ट में अगले विटामिन्स के बारे में जानेगे।

धन्यवाद !

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