
संतुलित न्यूट्रीशन हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है और हमारे स्वस्थ रहने में इसका लगभग 70% योगदान होता है। लेकिन स्वस्थ जीवन जीने के लिए व्यायाम का भी 30% योगदान है यानि व्यायाम करना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।
संतुलित व नियमित खान-पान स्वास्थ्य, लम्बी उम व शरीर को निरोगी रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।संतुलित न्यूट्रीशन का अर्थ है दिनभर में आवश्यकता से अधिक कैलोरीज वाला आहार न खाना।
इसके साथ-साथ पानी, अच्छे कार्बोहाईट्स, ओमेगा-3 सहित जरूरी फैट्स, सभी ज़रूरी एमीनो एसिड्स से युक्त प्रोटीन, विटामिन्स, मिनरल्स और फायबर का उचित मात्रा में सेवन और उनका बेहतर अवशोषण अत्यंत जरूरी है। अब व पर्याप्त न्यूट्रीशन स्वास्थ्य की आधारशिला है व निरोगी रहने का सबसे बेहतर तरीका है।
आहार से प्राप्त होने वाले विभिन्न पोषक तत्व हमारे स्वास्थ्य, शारीरिक विकास और कार्यात्मक क्षमताओं को प्रभावित करने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं। हेल्थ सप्लीमेंट्स के सेवन से हम बिना अनावश्यक कैलोरीज़ खाए अपने आहार में दुर्लभ लेकिन जरूरी पोषक तत्वों की कमी की पूर्ति सुगमता से कर सकते हैं।
लेकिन संतुलित व उचित पोषण के साथ-साथ नियमित व्यायाम भी बेहद आवश्यक है। किसी भी रूप में किया गया शारीरिक व्यायाम सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है व शारीरिक फिटनेस को कायम रखता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार पोषण व व्यायाम का परस्पर तालमेल और प्रभाव हमारे उम्र के अनुरूप युवा रहने, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य और हमारे मेटाबॉलिज्म के ठीक से काम करने के लिए बेहद जरूरी है।
भरपेट खाने और व्यायाम न करने के दुष्प्रभावों का सबसे बड़ा उदाहरण देश भर में फैलती मोटापे, डायबिटीज़व मसल्स की हानि (मसल लॉस) की ज्वलंत समस्याएं हैं। अगर हमें फैट घटाना है और मसल्स बढ़ानी हैं तो सिर्फ डाइट पर नियंत्रण से काम नहीं बनेगा। हमें पर्याप्त व नियमित व्यायाम भी करना पड़ेगा।
उचित न्यूट्रीशन, सक्रिय जीवन शैली, स्वास्थ्यकारी आदतों व नियमित और पर्याप्त व्यायाम द्वारा ही हम स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न समस्याओं से बच सकते हैं व तेजी से फैलते कैंसर, हृदय-रोग, डायबिटीज़ और लकवे जैसे रोगों के इलाज पर लगातार बढ़ते कमरतोड़ खर्च से बच सकते हैं।
सामान्य व्यस्कों के लिए उचित व्यायाम के लिए योग के अलावा रोजाना 6000 कदम पैदल चलना और 250 सीढ़ियां चढ़ना एक अन्य विकल्प है।