RCM गामा ओरिज़नॉल के फायदे | RCM Gama Oryzanol Ke Fayade

गामा ओरिज़नॉल क्या है? | What is Gama Oryzanol?

गामा ओरिज़नॉल एक ऐसा अनोखा पोषक तत्व है जिसे चावल के ऊपरी भाग में स्थित एक भूरी परत से प्राप्त किया जाता है। जिसमें प्रचुर मात्रा में विभिन्न प्रकार के विटामिन, खनिज, एंटी-ऑक्सीडाइजिंग पदार्थ, ट्रेस तत्व, प्रोटीन, लिपिड और आहार-संबंधी (कार्बोहाइड्रेट) होते हैं।

इस पदार्थ का वानस्पतिक नाम ओराइजा सेटाइवा है। वहीं इसे राइस ब्रेन प्रोटीन और राइस ब्रेन वैक्स भी कहा जाता है, गामा ओराइजोनल गेंहू के चोकर और कुछ सब्जियों व फलों में भी पाया जाता है। Gamma Oryzanol का उपयोग जापान में सबसे ज्यादा किया जाता है, अब पूरी दुनिया में इस औषधि के फायदों को ध्यान में रखते हुए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।

RCM Gamma Oryzanol Capsules के रूप में आते है, और हर कैप्सूल में Rice Bran Extract में से निकाला गया 150 mg Isolated Gamma Oryzanol को शामिल किया गया है।

Structure Of Gama Oryzanol

Gama Oryzanol

फ्राई नामक वैज्ञानिक ने धावकों पर गामा ओरिज़नॉल को खाने में मिलाकर उसके प्रभावों का अध्ययन किया तथा यह पाया कि उसके सकारात्मक प्रभाव है। अमेरिका में धावकों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी गामा ओरिज़नॉल उपयोगी सिद्ध हुआ है।

सबसे पहले गामा ओरिज़नॉल की खोज कहाँ हुई और किसने की? | Where was gamma oryzanol first discovered and by whom?

गामा ओरिज़नॉल को सबसे पहले विकसित देश जापान में बनाया गया। 1954 में जापान के दो प्रसिद्ध वैज्ञानिक किनोको और सुचिओ ने गामा ओरिज़नॉल को बनाया था। उन्होंने अध्ययन किया और ये पाया की राइस ब्रान में एक ऐसा अनोखा पोषक तत्व होता है गामा ओरिज़नॉल और अगर इस गामा ओरिज़नॉल को उस राइस ब्रान से निकाल लिया जाये और उसे पाउडर के रूप में बदल दिया जाये तो ये शरीर में अद्भुत और आश्चर्य चकित फायदे प्रदान कर सकता है।

साल 1962 में गामा ओराइजोनल का उपयोग जड़ीबूटी के रूप में करना शुरू किया गया था, शुरुआत में इसका इस्तेमाल मानसिक तनाव के इलाज के लिए किया जा रहा था, फिर समय चलते इसके इस्तेमाल से शरीर को होने वाले अन्य फायदे भी सामने आये और इसका इस्तेमाल शरीर के अनेक रोगों से बचने के लिए किया जाने लगा।

जब इस गामा ओरिज़नॉल पर और भी अध्ययन हुए तो ऐसे ऐसे अद्भुत फायदे दुनिया भर में सामने आये तब जापान ने इसे सबसे पहले इसे कुदरती दवा के रूप में रजिस्टर्ड कर दिया। क्योंकि यह एक कुदरती दवा है इसलिए इसका शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं।

1986 में तो गामा ओरिज़नॉल को कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने वाली दवा के रूप में रजिस्टर्ड कर दिया गया।

भारत सरकार के FSSAI द्वारा नूट्रास्यूटिकल्स (Nutraceuticals) के रूप में मान्यता प्राप्त | Recognized as Nutraceuticals by FSSAI, Government of India

हाल ही में 28 दिसंबर 2016 को भारत सरकार की FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) ने इसे नूट्रास्यूटिकल्स (Nutraceuticals) के रूप में मान्यता प्रदान की है।

RCM हेल्थ गार्ड गामा ओरिज़नॉल शरीर में क्या काम करता है ?

विशेषज्ञों की मानें तो गामा ओरिज़नॉल (Gamma-oryzanol) एक एंटीऑक्सिडेंट्स हैं जो कुछ खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। खासकर चावल की भूसी में Gamma-oryzanol अधिक पाए जाते हैं। इस लिए चावल की भूसी के तेल भी बनाए जाते हैं।

कई शोध में खुलासा हुआ है कि गामा ओरिज़नॉल (Gamma-oryzanol) से बुरे लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल और उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों में ट्राइग्लिसराइड्स नामक रक्त वसा घटता है।

चावल के भूसी के तेल में पाया जाने वाला  Gamma-oryzanol रक्त कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में फायदेमंद होते हैं। साथ ही इसके कई अन्य फायदे भी हैं। उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करने में यह प्रभावी है।

अमेरिका और जापान में हाइपरलाइपोप्रोटीनेमिया की बीमारी में गामा ओरिज़नॉल (Gamma-oryzanol) का उपयोग प्राकृतिक दवा के रूप में किया जाता है। इससे ह्रदय आघात का जोखिम भी कम हो सकता है। इसके लिए दिल की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को चावल की भूसी के तेल का सेवन करना चाहिए।

आइये जानते हैं गामा ओरिज़नॉल के हमारे शरीर में और क्या क्या फायदे हैं –

गामा ओरिज़नॉल सुपर एन्टी ऑक्सीडेंट | Gamma oryzanol super anti oxidant

हमे यह बात अच्छी तरह से ज्ञात है कि मानव शरीर के ऊतकों के ऑक्सीकरण के कारण अनेक बीमारी जन्म लेती है। इसीलिए विटामिन ई का उपयोग एंटीऑक्सीडेंट के रूप में किया जाता है । परंतु शोध में पाया गया है कि विटामिन ई की तुलना में गामा ओरिजिनॉल चार गुना ज्यादा प्रभावशाली है। इसमें फेरूलिक नामक पदार्थ एक फिनॉल है जिसमें संक्रमण को रोकने की अत्यधिक क्षमता पाई गई है। इसलिए इसे अन्य एन्टी ऑक्सीडेंट की तुलना में सुपर एन्टी ऑक्सीडेंट की संज्ञा दी जा रही है।

गामा ओरिज़नॉल कोलेस्ट्रॉल को कम करे | Gamma oryzanol reduce cholesterol

इसमें कई ऐसे रसायन पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल और सूजन को कम करने में मददगार है। गामा ओराइजनाॅल आंत कोशिकाओं द्वारा कोलेस्ट्रॉल को अवरुद्ध करता है। ये HMG-CoA रिडक्टेस नामक एंजाइम को कम करता है जो कोलेस्ट्रॉल उत्पादन को बढ़ावा देता है।

मानव जीवन पर किए गए प्रयोग से यह भी सिद्ध हुआ है कि गामा ओराइजनाॅल के सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा में कमी होती है। यह अल्प घनत्व वाले लिपो प्रोटीन कोलेस्ट्रोल के निर्माण को रोकने में सहायक होता है तथा उसे बाइल एसिड में परिवर्तित कर उसे शरीर से बाहर कर देता है।

प्रयोगों से यह भी पता चला है कि सीरम कोलेस्ट्रॉल में कमी के साथ-साथ भोजन के कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को प्रभावित कर यह एचडीएल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ा देता है जो हृदय के लिए अत्यंत लाभदायक है ।

गामा ओरिज़नॉल करे ऐथिरोस्क्लेरोसिस से बचाव | Gamma oryzanol may protect against atherosclerosis

चूहों पर किए गए एक शोध में पाया गया कि गामा ओराइजनाॅल कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ एओर्टिक फैटी स्ट्रीक्स को कम करता है। बता दें, फैटी स्ट्रीक्स धमनियों के सख्त होने का संकेत हैं।

गामा ओरिज़नॉल शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाये | Gamma oryzanol strengthen body muscles

एक शोध में मालूम हुआ गामा ओराइजनाॅल को देने से बेंच प्रेस और लेग कर्ल के परिणामों में सुधार हुआ। इससे पता चलता है कि इसे लेने से मांसपेशियों की ताकत में सुधार हो सकता है। हालांकि एक दूसरे शोध में ऐसा नहीं देखा गया। इस पर अधिक शोध की जरूरत है।

गामा ओरिज़नॉल डायबिटीज में फायदेमंद | Gamma oryzanol beneficial in diabetes

गामा ओराइजनाॅल ग्लूकोज लेवल में सुधार करता है। ये ग्लूकोज-उत्तेजित इंसुलिन रिलीज बढ़ाने के लिए सीधे पैंक्रियाटिक सेल्स पर असर डालता है। जिससे ब्लड में मौजूद शुगर लेवल कंट्रोल रह सकता है।

गामा ओरिज़नॉल में एंटीकैंसर प्रोपर्टीज | Anticancer properties in Gamma Oryzanol

गामा ओराइजनाॅल में कई ऐसे रसायन होते हैं जो कैंसर से बचाव में मदद करते हैं। इसमें Cycloartenol ferulate नामक रसायन होता है जो स्किन ट्यूमर को बढ़ने से रोकता है।

गामा ओरिज़नॉल स्किन के लिए फायदेमंद | Gamma oryzanol benefits for skin

एंटी-ऑक्सिडेंट्स गुणों से भरपूर होने के कारण ये झुर्रियों और त्वचा पर बुढ़ापा आने से रोकता है। यही नहीं त्वचा संबंधी अन्य परेशानियों से बचाने में मदद करता है।

गामा ओरिज़नॉल, थायरायड कम करने में मददगार | Gamma oryzanol, helpful in reducing thyroid

गामा ओराइजनाॅल की 300 मिलीग्राम की मात्रा का प्रभाव थायराइड के मरीज पर भी देखा गया है। शोधकर्ताओं का निष्कर्ष है कि इसके सेवन के बाद आठ में से छह मरीजों के थायरायड टीएसएल स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। अभी इसका इलाज हार्मोन देकर किया जाता है जिसे खाली पेट रोज कहना होता है। लगभग 4.24 करोड़ की जनसंख्या इससे जूझ रही है। लेकिन गामा ओराइजनाॅल का सेवन मस्तिष्क के संकेतकों को प्रभावित कर शरीर मे प्रकृतिक हार्मोन उत्पन्न करने का निर्देश देता है जिससे व्यकि स्वस्थ हो जाता है।

इन परेशानियों में भी है मददगार
  • ऑस्टिओपरोसिस में।
  • शरीर में होने वाले सूजन की समस्या को दूर करने में मददगार है।
  • इम्यून सिस्टम को बनाए बेहतर बनाये रखा जा सकता है।
  • अल्सर से बचाव करता है।
  • मेनोपॉज के लक्षण या अर्ली मेनोपॉज की संभावना न के बराबर होती है।
  • एंग्जायटी या बेचैनी की समस्या दूर हो सकती है।
  • पेट खराब की परेशानी दूर होती है।
  • उच्च कोलेस्ट्रॉल को नॉर्मल करने में मदद करता है।
  • लिवर को रखे सुरक्षित है।
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर की समस्या ठीक हो सकती है।
  • इन परेशानियों के साथ-साथ अन्य परेशानी भी दूर हो सकती है।

RCM हेल्थ गार्ड गामा ओरिज़नॉल कैसे और कब लें | How and when to take RCM Health Guard Gamma Original

किसी भी एंटीऑक्सीडेंट या सप्लीमेंट्स को लेने से पहले उसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी और लेने की आवश्यक मात्रा जरूर जान लें। RCM Health Guard Gamma Oryzanol की खुराक हर व्यक्ति के लिए अलग अलग है।

Rcm Health Guard Gamma Oryzanol को प्रतिदिन 2 बार खाना खाने से 5 मिनट पहले ले सकते हैं। इस कैप्सूल को लेने से पहले और बाद में कोई भी चाय या कॉफी जैसी एसिडिक चीजे न ले। सबसे महत्त्वपूर्ण बात कि इसे किसी नूट्रिशनिस्ट या डॉक्टर से परामर्श लें तो ज्यादा अच्छा रहेगा।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें

FAQ प्रश्न :

प्रश्न 1 – गामा ओरिज़नॉल क्या है?

उत्तर- गामा ओरिज़नॉल एक ऐसा अनोखा पोषक तत्व है जिसे चावल के ऊपरी भाग में स्थित एक भूरी परत से प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 2 – गामा ओरिज़नॉल का वानस्पतिक नाम क्या है ?

उत्तर – गामा ओरिज़नॉल का वानस्पतिक नाम ओराइजा सेटाइवा है।

प्रश्न 3 – गामा ओरिज़नॉल की खोज किन वैज्ञानिकों ने की?

उत्तर – गामा ओरिज़नॉल की खोज जापान के दो प्रसिद्ध वैज्ञानिक किनोको और सुचिओ ने की।

प्रश्न 4 – गामा ओरिज़नॉल को सबसे पहले कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने की दवा के रूप में कब रजिस्टर्ड किया गया?

उत्तर – गामा ओरिज़नॉल को सबसे पहले कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने की दवा के रूप में 1986 में किया गया।

प्रश्न 5 – क्या गामा ओरिज़नॉल FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) द्वारा मान्यता प्राप्त है?

उत्तर – 28 दिसंबर 2016 को भारत सरकार की FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) ने इसे नूट्रास्यूटिकल्स
(Nutraceuticals) के रूप में मान्यता प्रदान की है।

प्रश्न 6 – क्या किसी भी रूप से बीमार होने पर इसे ले सकते हैं ?

उत्तर – बिलकुल ले सकते हैं लेकिन अगर आप अपने नूट्रिशनिस्ट या डॉक्टर की परामर्श से लें तो ज्यादा बेहतर होगा।

प्रश्न 7 – गामा ओरिज़नॉल की कितनी मात्रा लें ?

उत्तर – अगर हम मात्रा की बात करें तो RCM हेल्थ गार्ड गामा ओरिज़नॉल को प्रतिदिन 2 कैप्सूल ले सकते हैं।

प्रश्न 8 – गामा ओरिज़नॉल किस समय लें ?

उत्तर – RCM हेल्थ गार्ड गामा ओरिज़नॉल को दोपहर और रात को खाने के 5 मिनट पहले ले सकते हैं।

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