
विटामिन बी1 (थायमिन)
विटामिन बी1 (थायमिन) विटामिन बी-समूह का एक महत्वपूर्ण, सबसे ज़्यादा चर्चित और बी-विटामिन तत्वों में सबसे पहले खोजा गया विटामिन बी1 है। यह जल में आसानी से घुललशील है लेकिन ऊष्मा नहीं सह सकता व भोजन को गर्म करने पर आसानी से नष्ट हो जाता है। सब्जियों को अतिरिक्त पानी में पकाने व उस पानी को बाद में फेंक देने पर इसकी बहुत हद तक हानि हो जाती है।
कार्य
विटामिन बी1 (थायमिन) का सबसे महत्वपूर्ण कार्य शरीर में कार्बेह्राइडेट से ऊर्जा के उत्पादन में मदद करना है जिसका विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए उपयोग होता है। नर्वस सिस्टम (तंत्रिकाओं) के समुचित कार्य के लिए थायमितर आवश्यक है। मस्तिष्क का अन्य शारीरिक काशिकाओं की अपेक्षा थायमिनर की बहुत अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है। विटामिन बी1 शारीरिक विकास, स्टेमिना, ह्दय की मांसपेशियों की रक्षा तथा मानसिक कार्यक्षमता और सर्तकता को बढ़ावा देता है। यह आंतों की गतिविधि बढ़ाता है व कब्ज दूर करता है। शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या को सामान्य रखने, रक्त का परिसंचरण बढ़ाने तथा त्वचा को स्वस्थ रखने में विटामिन बी1 मदद करता है।
कमी के लक्षण
विटामिन बी1 की थोड़ी भी कमी होने से थकान, भावनात्मक अस्थिश्ता, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, सामान्य विकास में बाधा, मसल्स में कमजोरी कब्ज, धीमा पड़ता रक्त परिसंचरण, त्वचा रोग, असमय बुढ़ापा, ध्यान केंद्रित न होना जैसी समययाएं हो सकती हैं। लंबे समय तक विटामिन बी1 की कमी रहने पर बेरीबेरी रोग हो सकता है जिसमें नर्वस सिस्टम, हृदय, रक्त परिसंचरण और पाचन तंत्र पर दुष्प्रभाव पड़ते हैं।
थायमिन की कमी अधिकांशत: उन लोगों में होती है जो अधिकतर रिफाइंड अनाज, पॉलिश किए चावल भोजन में लेते हैं या फिर शराब तथा ज़रूरत से ज्यादा चाय का सेवन करते हैं।
विटामिन B1 के स्रोत
गहूं का चोकर, चावल का चोकर, दालें व छिलके सहित फलियां, नट्स, ब्राउन चावल, जई का दलिया (ओटमील), दूध-दही व अन्य डेयरी उत्पाद, शिमला मिर्च, फूलगोभी, बीज, आदि।
विटामिन B1 की आवश्यक मात्रा
(WHO रेकमेंडेड) पुरुषों के लिए 1.2 मिलीग्राम प्रतिदिन, महिलाओं के लिए 1.1 मिलीग्राम प्रतिदिन। विटामिन बी1 की आवश्यकता सीधे तौर पर दिन भर में कुल कैलोरी और कार्बेडाइड्रेट के सेवन से भी संबंधित है। प्रति 1000 किले कैलोरी के लिए 0.5 मिलीग्राम विटामिन बी4 की आवश्यकता पड़ती है।
निष्कर्ष
हमने देखा कि विटामिन B1 शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है। इसकी कमी से क्या क्या परेशानियां आ सकती हैं। और कुछ प्राकृतिक स्त्रोत भी हैं जिनके माध्यम से हम इनकी कमी को पूरा कर सकते हैं।