
चिकित्सा (मलेरिया)
(1) तुलसी के पत्ते और काली मिर्च पीसकर चने के बराबर गोली बना लें। एक-एक गोली गर्म पानी के साथ सुबह-शाम लें।
(2) कुड़े की छाल, घीग्वार की जड़, काली मिर्च, चिरायता, पीपल, निबोली की गिरी, करंज की गिरी, गिलोय, अजमोद, चित्रकइन्हें बराबर लेकर नीबू के रस में खरल करके मटर जैसी गोली बना लें। सुबह-शाम एक-एक गोली शहद के साथ खावें।
(3) पीपल का चूर्ण १ ॥ मासे, नौसादर आधा मासे लेकर एक तोले पुराने गुड़ में मिलाकर प्रात:काल खावें।
(4) पटोल पत्र, नागरमौथा, लाल चंदन, कुटकी, नीम की छाल, चिरायता, बंशलोचन, इलाइची, गिलोय, धनिये, सोंठ, तुलसी की जड़, अजवायन, काला जीरा, ये सब चीजें बराबर लेकर कूट-छान कर रख लें। इस चूर्ण में से १॥ माशा शहद के साथ सुबह-शाम लें।
(5) नीम के फल, फूल, कोंपल, छाल, जड़ बराबर लेकर इनका चूर्ण बना लें। इसमें से २ माशा लेकर नीम की छाल के काढ़े के साथ पीवें।
(6) कमलगट्टे की मिगी, खूबकला, नीलोफर, लाल चंदन गिलोय और भांग बराबर लेकर अदरक के रस में खरल करके चने के बराबर गोली बना लें । एक-एक गोली सुबह-शाम शहद के साथ लें।
(7) पाढ़ की जड़, खुरासानी अजवायन, काला जीरा, लोंग, पीपल, चित्रक, मुलहठी–इन्हें बराबर लेकर पीस लें और मूँग की बराबर गोली बना लें। दो-दो गोली सुबह-शाम शहद के साथ लें।
(8) धतूरे के बीजों को किसी मिट्टी के बरतन में भरकर उसका मुँह अच्छी तरह बन्द कर दें। इसे एक प्रहर कंडों की आग में लगा रहने दें। पीछे ठंढा हो जाने पर खोलें और पीसकर रख लें। इसमें से ६ रत्ती शहद के साथ दें।
(9) काली मिर्च ७, करंज की गिरी १ माशा, रसौत १ माशा, फिटकरी का फूला ४ रत्ती-इन सबको दो तोले पानी में पीसकर छान लें। थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर पीवें। क्
(10) करेले की जड़ १॥ माशा, जीरा १ माशा, काली मिर्च ७, युराना गुड़ ६ माशा मिलाकर सेवन करें।
(11) गो मूत्र में थोड़ा सेंधा नमक डालकर पैर के तलवों में मालिश करें।